भारत के प्रमुख रासायनिक उर्वरक उत्पादक राज्यों के बारे में जानकारी।

जलयान – निर्माण उद्योग के बारे में जानकारी।

भारत में जलयान निर्माण का प्रथम कारखाना 1941 ईस्वी में सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी द्वारा विशाखा पतन में स्थापित किया गया तथा 1952 में भारत सरकार द्वारा इसका अधिग्रहण करके हिंदुस्तान शिपयार्ड विशाखा पतन नाम दिया गया जिससे भारत के सभी राज्यों में यह इस नाम से प्रसिद्ध है और जलयान निर्माण उद्योग बहुत सी खेती की सिंचाई के रूप में प्रयोग किया जाता है सार्वजनिक क्षेत्रों की अन्य इकाइयां जो जल या नो का निर्माण करते हैं जैसे कि कोलकाता, गोवा, शिपयार्ड, मुंबई, और महाराष्ट्र में आदि का अधिक उपयोग होता है

वायुयान निर्माण उद्योग क्या होता है।

भारत में वायु यान निर्माण का प्रथम कारखाना 1940 ईस्वी में बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट कंपनी के नाम से स्थापित किया गया था अब इसे हिंदुस्तान में एयरोनॉटिक्स के नाम से स्थापित किया गया है आज बेंगलुरु में ही इसकी 5 इकाइयों तथा गोवा ,कोरबा ,नासिक, बैरकपुर ,लखनऊ ,हैदराबाद तथा कानपुर मे एक इकाई है वाहनों के निर्माण कार्य में सलंगन है भारत में वायुयान का निर्माण इन्हीं पांच राज्यों में किया जाता है अधिक किया जाता है तथा वायुयान कारखाने का निर्माण 1940 में हुआ था और यह एक हिंदुस्तान की कंपनी के नाम से स्थापित किया गया था ।

शीशा उद्योग देखो क्या है।

भारत में शीशा उद्योग का केंद्रीय करण रेल की सुविधा वाले स्थानों में देखने को मिलता है इस उद्योग का विकास मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल ,उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु राज्य में हुआ है और भारत में शीशे का अधिक उपयोग किया जाता है और भारत के प्रत्येक घर में शीशा जरूर मिलेगा क्योंकि शीशे का बहुत अधिक उपयोग किया जा रहा है भारत में शीशे का बहुत अधिक उपयोग होता है भारत में मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु राज्य में ज्यादा होता है।

दवा निर्माण उद्योग

भारत के प्रमुख राज्यों में दवा निर्माण उद्योग ज्यादा किया जाता है जैसे- मुंबई ,दिल्ली, कानपुर, हरिद्वार, ऋषिकेश ,अहमदाबाद पुणे, पिंपरी ,मथुरा, हैदराबाद आदि में दवा निर्माण उद्योग ज्यादा किया जाता है जिसमें व्यक्ति की बीमार होने पर दवा का उपयोग किया जाता है और दवा निर्माण उद्योग ज्यादा उपयोग किया जा रहा है और दवा निर्माण अधिक से अधिक उपयोग किया जाता है।

Leave a Comment