सूती वस्त्र उद्योग कहां से हमारे देश में लाया जाता है सूती वस्त्र।

सूती वस्त्र उद्योग के बारे में।

सूती वस्त्र उद्योग आधुनिक ढंग से सूती वस्त्र की पहली मेल की स्थापना कोलकाता के पास फोर्ट गिल स्टार में की गई थी किंतु वहां पर सूती वस्त्र उद्योग असफल रहा सबसे पहला सूती वस्त्र सफल उद्योग आधुनिक सूती कपड़ा कारखाना 18 से 54 ईसवी में मुंबई के कवासजी डाबर द्वारा खोला गया जिसमें 9856 इस बीच से उत्पादन प्रारंभ हुआ जहां सूती कपड़ा और वस्त्र उद्योग सफल हुआ सूती वस्त्र उद्योग का सर्वाधिक केंद्रीकरण महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य में अधिक है अन्य प्रमुख राज्य है जहां पर सूती वस्त्र उद्योग का अधिक उपयोग होता है जैसे कि पश्चिम बंगाल में और मध्य प्रदेश में तथा तमिलनाडु में और आंध्र प्रदेश में तथा केरल और उत्तर प्रदेश में सूती वस्त्र उद्योग का बहुत अधिक उपयोग होता है और सूती वस्त्र उद्योग मुंबई की भारत के सूती वस्त्र की राजधानी के उपनाम से भी जाना जाता है और कानपुर को उत्तर भारत का मानचित्र भी कहा जाता है सूती वस्त्र उद्योग इन राज्यों में बहुत अधिक किया जाता है।

भारत में सूती वस्त्र उद्योग के बारे में जानकारी।

भारत में सूती वस्त्र उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था में कपड़ा उद्योग का स्थान कृषि के बाद यह स्थान दूसरे नंबर पर है यह भारत का सबसे प्राचीन उद्योग है यह देश का सबसे बड़ा संगठित एवं व्यापक उद्योग है यह उद्योग देश में कृषि विभाग के बाद रोजगार प्रदान करने वाला सूती वस्त्र उद्योग दूसरे सबसे बड़ा उद्योग है औद्योगिक उत्पादन में सूती वस्त्र उद्योग का योगदान 14 परसेंट से अधिक है देश में सकल घरेलू उत्पाद अक मैं यह उद्योग चार परसेंट एवं देश की निर्यात आय में 11 परसेंट योगदान है रोजगार प्रदान करने की दृष्टि से किडजी के बाद वस्त्र उद्योग दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है तथा सूती वस्त्र उद्योग यह भारत के सभी राज्यों में उपयोग करा जाता है और यह दूसरे नंबर पर है पहले नंबर पर कृषि उद्योग तथा दूसरे नंबर पर सूती वस्त्र उद्योग है।

जूट उद्योग क्या है।

जूट उद्योग यह उद्योग सूती वस्त्र जैसा उद्योग होता है जिसमें सोने का रेशा के नाम से मैसूर झूठ के देशों से सामने बालों का निर्माण करने में भारत का विश्व में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है इसका पहला कारखाना कोलकाता के पास रिश्रा नामों के स्थान पर 18 सो 55 ईस्वी में लगाया गया था और जूट उद्योग भारतीय झूठ निगम की स्थापना 1971 ईस्वी में झूठ की एक आयात एवं आंतरिक बाजार की देखभाल के लिए की गई थी वह जूट उद्योग भारत में लगभग 35 परसेंट झूठ के सामने का निर्माण करता है और जूट उद्योग दूसरादिया गा था।

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